Friday, 17 April 2015

मैं तो झोंका हूँ हवा का.............

मैं तो झोंका हूँ हवा का, सब उड़ा ले जाऊँगा,
तू जागती रहना तुझे तुझसे चुरा ले जाऊँगा...

हो के कदमों पे निछावर फूल ने बुत से कहा,
ख़ाक में मिल के भी मैं खुश्बू बचा ले जाऊँगा...

कौन सी शै मुझको पहुँचाएगी तेरे शहर तक,
ये पता चलने से पहले, तुझे पटा ले जाऊँगा...

कोशिशें मुझको मिटाने की भले हों कामयाब,
मिटते-मिटते भी मिटने का मजा ले जाऊँगा...

हैं सिर्फ शोहरतें...
जिनकी वजह से दोस्त-दुश्मन हो गए सब,
ये सब रह जायेंगी यहीं,
मैं खाली था मैं खाली हूँ,
साथ क्या ले जाऊँगा॥

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