Monday 30 March 2015

तुझे मैं आत्मा जानू , करूँ मैं आत्मा अर्पण..

कोई सोना चढाए , कोई चाँदी चढाए
कोई हीरा चढाए , कोई मोती चढाए
चढाऊँ क्या तुझे भगवन  कि ये निर्धन का डेरा है
अगर मैं फूल चढाता हूँ , तो वो भँवरे का झूठा है
अगर मैं फल चढाता हूँ , तो वो पक्षी का झूठा है
अगर मैं जल चढाता हूँ , तो वो मछली का झूठा है
अगर मैं दूध चढाता हूँ , तो वो बछडे का झूठा है ;
चढाऊँ क्या तुझे भगवन  कि ये निर्धन का डेरा है
अगर मैं सोना चढ़ाता हूँ , तो वो माटी का झूठा है
अगर मैं हीरा चढ़ाता हूँ , तो वो कोयले का झूठा है
अगर मैं मोती चढाता हूँ , तो वो सीपो का झूठा है
अगर मैं चंदन चढाता हूँ , तो वो सर्पो का झूठा है
चढाऊँ क्या तुझे भगवन, कि ये निर्धन का डेरा है
अगर मैं तन चढाता हूँ , तो वो पत्नी का झूठा है
अगर मैं मन चढाता हूँ , तो वो ममता का झूठा है
अगर मैं धन चढाता हूँ , तो वो पापो का झूठा है
अगर मैं धर्म चढाता हूँ , तो वो कर्मों का झूठा है
चढाऊँ क्या तुझे भगवन , कि ये निर्धन का डेरा है
तुझे परमात्मा जानू , तू ही तो है  मेरा दर्पण
तुझे मैं आत्मा जानू , करूँ मैं आत्मा अर्पण..

जो लडकिया लव के चककर मे पडकर अपने माँ-बाप को छोडकर घर से भाग जाती है मै उन लडकीयो के लिए कुछ कहना चाहुंगा..

जो लडकिया लव के चककर मे पडकर अपने माँ-बाप को छोडकर घर से भाग जाती है
मै उन लडकीयो के लिए कुछ कहना चाहुंगा..
बाबुल की बगिया में जब तू , बनके कली खिली,
तुमको क्या मालूम की, उनको कितनी खुशी मिली ।
उस बाबुल को मार के ठोकर, घर से भाग जाती हो,
जिसका प्यारा हाथ पकड़ कर, तुम पहली बार
चली ॥
तूने निष्ठुर बन भाई की, राखी को कैसे भुलाया,
घर से भागते वक़्त माँ का आँचल याद न आया ?
तेरे गम में बाप हलक से, कौर निगल ना पाया,
अपने स्वार्थ के खातिर, तूने घर में मातम फैलाया ॥
वो प्रेमी भी क्या प्रेमी,
जो तुम्हें भागने को उकसाये,
वो दोस्त भी क्या दोस्त, जो तेरे यौवन पेललचाये ।
ऐसे तन के लोभी तुझको, कभी भी सुख ना देंगे,
उलटे तुझसे ही तेरा, सुख चैन सभी हर लेंगे ॥
सुख देने वालो को यदि, तुम दुःख दे जाओगी,
तो तुम भी अपने जीवन में, सुख कहाँ से पाओगी?
अगर माँ बाप को अपने, तुम ठुकरा कर जाओगी,
तो जीवन के हर मोड पर, ठोकर
ही खाओगी ॥
जो - जो भी गई भागकर, ठोकर खाती है,
अपनी गलती पर, रो-रोकर अश्क बहाती है ।
एक ही किचन में, मुर्गी के संग साग पकाती है,
हुईं भयानक भूल, सोचकर अब पछताती है ॥
जिंदगी में हर पल तू, रहना सदा ही जिन्दा,
तेरे कारण माँ बाप को, ना होना पड़े शर्मिन्दा ।
यदि भाग गई घर से तो, वे जीते जी मर जाएंगे,
तू उनकी बेटी है यह, सोच - सोच पछताए।।

Friday 27 March 2015

कबीर के आधुनिक दोहे!

कबीर के आधुनिक दोहे!
यदि कबीर जिन्दा होते तो आजकल के दोहे यह होते:

नयी सदी से मिल रही, दर्द भरी सौगात;
बेटा कहता बाप से, तेरी क्या औकात;

पानी आँखों का मरा, मरी शर्म औ लाज;
कहे बहू अब सास से, घर में मेरा राज;

भाई भी करता नहीं, भाई पर विश्वास;
बहन पराई हो गयी, साली खासमखास;

मंदिर में पूजा करें, घर में करें कलेश;
बापू तो बोझा लगे, पत्थर लगे गणेश;

बचे कहाँ अब शेष हैं, दया, धरम, ईमान;
पत्थर के भगवान हैं, पत्थर दिल इंसान;

पत्थर के भगवान को, लगते छप्पन भोग;
मर जाते फुटपाथ पर, भूखे, प्यासे लोग;

फैला है पाखंड का, अन्धकार सब ओर;
पापी करते जागरण, मचा-मचा कर शोर;

पहन मुखौटा धरम का, करते दिन भर पाप;
भंडारे करते फिरें, घर में भूखा बाप!

कभी तो तेरे भी काम आएगी किसी की दुआ,


दर्द कब किसका सगा हुआ
इसने भी उड़ जाना है एक दिन बनकर धुँवा,

भूल जा जो हुआ सो हुआ
कभी तो तेरे भी काम आएगी किसी की दुआ,

कब तक असर करेगी ज़माने की बद्दुआ
हर कोई यहाँ से गया जो था यहाँ आया,

हमेशा आग बुझने पर निकालता है धुँवा.
कभी तो तेरे भी काम आएगी किसी की दुआ,

क्या हुआ गर तेरा कोई नहीं हुआ
जीतता वही है जो अकेला है जीया,

ख़ुशी पायी उसने जिसने गम को है पीया.
कभी तो तेरे भी काम आएगी किसी की दुआ,

गीता ने कहा जो हुआ अच्छा हुआ,
फिर तू क्यूँ है सोच में डूबा हुआ ,

जीवन वरदान है भगवान का दिया हुआ.
कभी तो तेरे भी काम आएगी किसी की दुआ,

कदम ना हटा पीछे जो आगे बढ़ा दिया,
ना डर तू दुनिया से ना कदम को तू डगमगा

तू ही है रौशनी तू ही है दीया
कभी तो तेरे भी काम आएगी किसी की दुआ,

उलझनों और कश्मकश में उम्मीद......

उलझनों और कश्मकश में उम्मीद की ढाल लिए बैठा हूँ …
ए जिंदगी! तेरी हर चाल के लिए मैं दो चाल लिए बैठा हूँ |

लुत्फ़ उठा रहा हूँ मैं भी आँख – मिचौली का …
मिलेगी कामयाबी हौसला कमाल लिए बैठा हूँ l

चल मान लिया दो-चार दिन नहीं मेरे मुताबिक
गिरेबान में अपने ये सुनहरा साल लिए बैठा हूँ l

ये गहराइयां, ये लहरें, ये तूफां, तुम्हें मुबारक …
मुझे क्या फ़िक्र मैं कश्तियां और दोस्त बेमिसाल लिए बैठा हूँ…

.............. kitna achha hota.


Main bhi padhne jata toh kitna achha hota…
Kuchh ban kar main bhi dikhata to kitna achha hota.

Agar gareebi naa hoti itni humare desh mein…
Mujh jaisa har bacha bhar pet khana khata to kitna achha hota…

Apne umar ke bacho ko jab befikar khelte dekhta hu…
Kash mai bhi majduri na karke aise hi khelta to kitna acha hota…

Maa baba jab meri ek khwahish ke liye ek duje ka muh dekhte h
Toh sochta hoon main paida hi na hua hota to achha hota…

Jab maa ko bhukhe pet sona padta h hume rukhi sukhi khila kar…
Toh sochta hu main koi bada aadmi ban jata toh achha hota.

Jane kabse soya nahi hu maa.....


Jane kabse soya nahi hu main, sula do maa,
Aakar mere pas muje fir se loriya suna do maa,

Ansoo meri ankho mein jam se gaye hain,
Bhar ke dil mera mujhe ab rulaa do maa,

Bhuka hu main tere pyar bhare niwale ka,
Apne hatho se ek niwala khila do maa

Kese kese dard deke duniya rulane lagi h muje
Aanchal me leke muje inse nijah dila do maa

Koi nai h mera ye ehsaas dilane lagi h duniya
Thamkar hath apne hone ka ehsas dila do maa

मोहब्बत लफ्जों की मोहताज़ नहीं होती!


इकरार में शब्दों की एहमियत नहीं होती,
दिल के जज़्बात की आवाज़ नहीं होती,
आँखें बयान कर देती हैं दिल की दास्ताँ,
मोहब्बत लफ्जों की मोहताज़ नहीं होती!

Always missing you........

Thursday 26 March 2015

A true relationship

रिश्ते खून के नहीं होते, रिश्ते एहसास के होते हैं;
अगर एहसास हो तो अजनबी भी अपने होते हैं;
और अगर एहसास ना हो तो अपने भी अजनबी हो जाते हैं।

I will be waiting you forever


अजीब था उनका अलविदा कहना !
सुना कुछ नहीं और कहा भी कुछ नहीं!
बर्बाद हुवे उनकी मोहब्बत में,
की लुटा कुछ नहीं और बचा भी कुछ नहीँ !

I can do everything for your happiness

प्यार में मैंने सब कुछ खोया सिर्फ तुझे पाने के लिए,
दुनिया से भी खूब लड़ा सिर्फ तुझे अपना बनाने के लिए,
आज नहीं तो कल अगर तूं मुझे भूल जाओगी,
तेरी यादों को हम जलायेंगे सिर्फ तुझे भुलाने के लिए |

ये दिल इतना नादान क्यों है........

गुलसन है अगर सफ़र जिंदगी का, तो इसकी मंजिल समशान क्यों है ?
जब जुदाई है प्यार का मतलब, तो फिर प्यार वाला हैरान क्यों है ?
अगर जीना ही है मरने के लिए, तो जिंदगी ये वरदान क्यों है ?
जो कभी न मिले उससे ही लग जाता है दिल,
आखिर ये दिल इतना नादान क्यों है ?

तुम हमेशा मेरे दिल मे रहोगे........

दूरियां  बोहत  हैं  पर  इतना  समझ  लो ,

पास  रह  कर  ही  कोई  रिश्ता  ख़ास  नहीं  होता ,

तुम  दिल  के  पास  इतने  हो  कि

दूरियों  का  एहसास  नहीं  होता ….

कुछ अरमान उन बारीश.....

कुछ अरमान उन बारीश कि बुंद कि तरह होते है,जिनको छुने कि ख्वाहिश
में,हथेलिया तो गिली हो जाती ,
पर हाथ हमेशा खाली रह जाते हैं।।।

नज़र ने एक दिन नजर से .......

नज़र ने एक दिन नजर से उनको नजर मिलाते नजर को देखा नजर मिली जो नजर से उनकी नजर चुराते नजर को देखा...

उलझनों और कश्मकश में उम्मीद ......

उलझनों और कश्मकश में उम्मीद की ढाल लिए बैठा हूँ …
ए जिंदगी! तेरी हर चाल के लिए मैं दो चाल लिए बैठा हूँ |

लुत्फ़ उठा रहा हूँ मैं भी आँख – मिचौली का …
मिलेगी कामयाबी हौसला कमाल लिए बैठा हूँ l

चल मान लिया दो-चार दिन नहीं मेरे मुताबिक
गिरेबान में अपने ये सुनहरा साल लिए बैठा हूँ l

ये गहराइयां, ये लहरें, ये तूफां, तुम्हें मुबारक …
मुझे क्या फ़िक्र मैं कश्तियां और दोस्त बेमिसाल लिए बैठा हूँ…

Wednesday 25 March 2015

Amit blessing

Sunday 22 March 2015

Be positive legends.......

Ignore rest of the world and think from your heart

Amit blessing

गहरी थी रात, लेकिन हम सोये नहीं,
दर्द बहुत था दिल में, लेकिन हम रोये नहीं,
काश कोई ये पूछ लेता कभी हमसे,
जाग रहे हो किसी के लिए, या किसी के लिए सोये ही नहीं.......!!

Thursday 19 March 2015

Amitblessing

कहती है ये दुनिया बस अब हार मान जा,
उम्मीद पुकारती है बस एक बार और सही।।
ये तो शौक है मेरा ददॅ लफ्जो मे बयां करने का
नादान लोग हमे युं ही शायर समझ लेते है।।

Amit blessing

shayaron ki mehfil me baat chali ek dewane ki din raat jalne wale ek parwane ki mene socha kon hoga yeh sirphera ungli meri taraf thi jamane ki

Amit blessing

Saturday 14 March 2015

About Amitblessing

 Each straightforward man have his own life, loaded with joy, trouble, experience and parcel of drama"s and more things... as life going on one day its turned into a biography not just an incredible man additionally every straightforward man of our general public beginning from a little specialists to the president of nation, each one have an own account, may be its noy like chronicled people groups bio however in the event that we will attempt to arrange a typical man's life by examining all circumstances and shows in a so call one of a kind style it will be an extraordinary biography...a not very many people groups ready to compose their own memoir in their life time, what might be the reason yet a not very many just??? 

Hello there legends It is extraordinary  joy to me that i am having before you ..... 
I am amit favoring who is a fun and cherishing fellow who does not have confidence in any religion just in trust.... 
furthermore truly i think from my heart furthermore need to do even individual or expert. 

I am a little and basic kid named Amit blessing...now i am just 21 yrs...i am still obscure of this world. i know there is so lots of time have left for me to live, appreciate and off kilter to compose my biography...but the odd thing is that still i am a little kid yet i effectively i have encountered a ton of awesome exercises, which is greater then the measure of my brain...i thought i have seen the entire world till now...may be one can snicker at me for composing this, however its true..the actuality i am begin composition my history is to pretend the entire world that who i am? what happened in my life? how baffling my life and the world is?