Wednesday 9 August 2017

उम्मीदों से बंधा एक जिद्दी परिंदा है इंसान...

उम्मीदों से बंधा एक जिद्दी परिंदा है इंसान,
जो घायल भी उम्मीदों से है,
और ज़िंदा भी उम्मीदों पर है।

Meri abodh Kalam se......

Har roj ki gud mg sahej kar rakhi hai Maine,

Tuje msg karne ki aarzo rok kar rakhi Hai Maine.

Badal badal k apna status or DP, tune meri hasrato ko badhya h,

In hasrato k sailab ko rokne ki justzu ki h Maine..

Wait karte karte Tere msg ka, khud se guftgu krta hu,
Or kambakht log kahte h, k aaj fir pi h Maine...

Kahne ko to 2 pal hi bitaye the 'Prashant' ne Tere Sath,
Par Sach kahu to, un 2 Palo me Puri Zindagi jee h Maine...

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कामयाबियां बताने लगे....

आये थे कुछ दोस्त मेरे दर्द का हाल पूछने,
मगर सब अपनी उलझने सुनाने लगे,
बात शुरू हुई जब मेरी गरीबी की तो,
सब अपनी कामयाबियां बताने लगे
           

तेजस सूर्य सा"अविचल" मित्र कौन है??

छल-कपट के काले मेघों में,
तेजस सूर्य सा मित्र कौन है?...(१)
जो पूछूं जीवन से यह तो,
दूर खड़ा जीवन यह मौन है..
यूं तो खुद को मित्र बताते,
कर संबोधन वह मित्र बुलाते!
इनमें से हित कौन है मेरा,
स्वार्थ में सदा संलिप्त कौन है?
छल-कपट के काले मेघों में,
तेजस सूर्य सा मित्र कौन है?
तेजस सूर्य सा"अविचल" मित्र कौन है????..(२)

Tuesday 8 August 2017

ये जमाने को भला क्यो बता रहा हूँ मैं..

सुलझ गया था मैं, बड़ी देर से ही,
फिर क्यो खुद को उलझा रहा हूँ मैं,

शायद फिर उसे कोई मतलब ही होगा,
क्यो फिर खुद को पागल बना रहा हूँ मैं,

किसी ने भी मुझे बात करते नही देखा,
ये जमाने को भला क्यो बता रहा हूँ मैं.."