Wednesday, 9 August 2017

उम्मीदों से बंधा एक जिद्दी परिंदा है इंसान...

उम्मीदों से बंधा एक जिद्दी परिंदा है इंसान,
जो घायल भी उम्मीदों से है,
और ज़िंदा भी उम्मीदों पर है।

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