Wednesday, 6 January 2016

आंधियों से न बुझूं ऐसा उजाला हो जाऊँ.......

आंधियों से न बुझूं ऐसा उजाला हो जाऊँ,
वो नवाज़े तो जुगनू से सितारा हो जाऊँ,
एक क़तरा हूँ मुझे ऐसी सिफ़त दे मौला,
कोई प्यासा दिखे तो दरिया हो जाऊँ।

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