Wednesday, 6 January 2016

मयखाने सजे थे....

मयखाने सजे थे, जाम का था दौर,
जाम में क्या था, ये किसने किया गौर,

जाम में गम था मेरे अरमानो का,
और सब कह रहे थे एक और एक और.

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