Thursday, 28 January 2016

कौन कहता है खामोशियां खामोश होती है...........

कौन कहता है खामोशियां खामोश होती है
जरूर इनमे कोई न कोई बात होती है
इन्हें कभी गौर से सुन कर देखना
क्या पता ये वह कह दे जिनकी आपको लफ्जों में तलाश होती है

Thursday, 7 January 2016

तेरी धड़कन हूँ तेरे दिल का अंदाज हूँ मैं......

तेरी धड़कन हूँ तेरे दिल का अंदाज हूँ मैं
तु मेरे योग्य कोई शौक सुहानी लिख दे
दिल के समझ मे मोहब्बत की कहानी लिख दे
जिन्दगी के नई मोड़ के आगाज हूँ मैं

Wednesday, 6 January 2016

आंधियों से न बुझूं ऐसा उजाला हो जाऊँ.......

आंधियों से न बुझूं ऐसा उजाला हो जाऊँ,
वो नवाज़े तो जुगनू से सितारा हो जाऊँ,
एक क़तरा हूँ मुझे ऐसी सिफ़त दे मौला,
कोई प्यासा दिखे तो दरिया हो जाऊँ।

मयखाने सजे थे....

मयखाने सजे थे, जाम का था दौर,
जाम में क्या था, ये किसने किया गौर,

जाम में गम था मेरे अरमानो का,
और सब कह रहे थे एक और एक और.