Sunday, 22 July 2018

।।नसीब अपना अपना।।

*"जरूर कोई तो लिखता होगा...*
*कागज और पत्थर का भी नसीब...*
*वरना ये मुमकिन नहीं की...*
*कोई पत्थर ठोकर खाये और कोई पत्थर भगवान बन जाये...*
*और...*
*कोई कागज रद्दी और कोई कागज गीता बन जाये"...!*

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