*"जरूर कोई तो लिखता होगा...*
*कागज और पत्थर का भी नसीब...*
*वरना ये मुमकिन नहीं की...*
*कोई पत्थर ठोकर खाये और कोई पत्थर भगवान बन जाये...*
*और...*
*कोई कागज रद्दी और कोई कागज गीता बन जाये"...!*
I am amit blessing who is a fun and loving guy who does not believe in any religion only in trust.... and really i think from my heart and also want to do even personal or professional.
*"जरूर कोई तो लिखता होगा...*
*कागज और पत्थर का भी नसीब...*
*वरना ये मुमकिन नहीं की...*
*कोई पत्थर ठोकर खाये और कोई पत्थर भगवान बन जाये...*
*और...*
*कोई कागज रद्दी और कोई कागज गीता बन जाये"...!*
0 comments:
Post a Comment